गुरुवार, 24 अगस्त 2017

Badminton ke trophy/cup ki trick बैडमिंटन ट्रॉफी ट्रिक

इस खेल का जन्म संभव है की भारत में ही पूना में हुआ था ,लेकिन आधुनिक बैडमिंटन खेल का विकास संभवतः एवोन (इंग्लैंड ) में हुआ |

आरम्भ में इस खेल को पुना के नाम से जाना जाता था | सन 1873 ईस्वी में ब्रिटेन के नागरिक ड्यूक ऑफ़ फोर्ड ने अपने नगर बैडमिंटन (ग्लुस्टर शायर ) में इस  खेल का प्रदर्शन किया | तब से इसी शहर के नाम पर इस खेल को बैडमिंटन कहा जाने लगा |

बैडमिंटन खेल की सर्वोच्च संस्था विश्व बैडमिंटन या इंटरनेशनल बैडमिंटन फेडरेशन (IBF) की स्थापना 1934 ईसवी में की गई थी |
इसका मुख्यालय क्वालालंपुर(मलेशिया ) में है | सर  जार्ज टॉमस इसके प्रथम अध्यक्ष थे |

भारतीय  बैडमिंटन संघ (एसोसिएशन ) की स्थापना भी 1934 में कलकत्ता में
 हुई थी | शरत कुमार मिश्रा इसके प्रथम अध्यक्ष थे |

1948 से विश्व चैम्पियन (पुरूष) को 'थॉमस कप' देने की शुरुआत हुई ,और
1957 से ( महिला ) चैम्पियनशिप  के लिए 'उबेर कप 'देने की शुरुआत हुई |

बैडमिंटन को1988 ईस्वी में ओलंपिक में शामिल किया गया | साथ ही इसे 1992 ईस्वी के बार्सिलोना ओलंपिक से इसे ग्रीष्म कालीन ओलंपिक में भी शामिल कर  लिया गया |

इसमे खिलाड़ियों की संख्या = 2 या 4 होती है

मैदान की लम्बाई- चौड़ाई 44×20 फीट (युगल ) होती है ,लेकिन यदि खेल एकल हो तो मैदान  की चौड़ाई 3 फीट कम हो जाती है अर्थात 44×17 फीट होती है पर लम्बाई  उतनी ही रहती है |

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मैदान के नेट की ऊँचाई 1.55 मीटर (5 फीट ) होती है |

शटल कॉर्क चिडियों के पंखो से बनी होती है , इसमे पंखुड़ियों की संख्या 14 से लेकर 16 तक होती है |
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